🛡️ साइबर अपराध में बैंक खातों की अंधाधुंध फ्रीज़िंग: दिल्ली हाईकोर्ट की चेतावनी और नीति सुधार की आवश्यकता लेखक: राजेश गुप्ता, साइबर क्राइम इन्वेस्टगैटर

🔍 परिचय राजेश गुप्ता साइबर क्राइम इन्वेस्टगैटर हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने साइबर अपराध की जांच के दौरान बैंक खातों को अंधाधुंध फ्रीज़ करने की प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। न्यायमूर्ति मनोज जैन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जांच एजेंसियों को इस प्रक्रिया में सावधानी, विवेक और करुणा का पालन करना चाहिए, ताकि निर्दोष नागरिकों को अनावश्यक वित्तीय कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। ⚖️ प्रमुख मामला: नीलकंठ फार्मा लॉजिस्टिक्स बनाम भारत सरकार इस मामले में, नीलकंठ फार्मा लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड की एचडीएफसी बैंक में ₹93.50 करोड़ की निकासी योग्य राशि थी। महाराष्ट्र के वर्तकनगर पुलिस स्टेशन के निर्देश पर, ₹200 की एक संदिग्ध जमा के आधार पर, कंपनी का पूरा खाता फ्रीज़ कर दिया गया। अदालत ने इस कार्रवाई को "अत्यधिक और अनुचित" बताया, जिससे कंपनी के कई चेक बाउंस हो गए और व्यापारिक गतिविधियाँ बाधित हुईं । 🧾 अन्य महत्वपूर्ण मामलों की झलक पवन कुमार राय बनाम भारत संघ (2024): एक चोले-भटूरे विक्रेता का खाता ₹105 की संदिग्ध लेन-देन के कारण फ्रीज़ कर दिया गया। अदालत ने ...